fossil fuel pollution Christopher Furlong/Getty Images

जीवाश्म ईंधनों से मुक्त होना

बर्लिन - जीवाश्म ईंधनों से मुक्ति पाने का इससे बेहतर समय पहले कभी नहीं था। रिकार्ड तोड़ वैश्विक तापमान, जीवाश्म ईंधनों की कम होती कीमतों, अक्षय ऊर्जा, ऐतिहासिक निवेश, और जलवायु संबंधी वादों का सम्मान करने के लिए वैश्विक दबाव सभी इस दुनिया को बदल देनेवाले इस बदलाव के लिए आदर्श स्थिति का निर्माण करने के लिए एक साथ घटित हो रहे हैं।

यह बदलाव इससे अधिक जरूरी नहीं हो सकता था। पिछले साल दिसंबर में पेरिस में किए गए संयुक्त राष्ट्र जलवायु समझौते में ग्लोबल वार्मिंग के लिए कठोर उच्चतम सीमा के रूप में पूर्व औद्योगिक स्तरों से 2 डिग्री सेल्सियस अधिक के स्तर की फिर से पुष्टि की गई जिससे ऊपर इस धरती के लिए परिणाम भयावह होंगे। लेकिन इसमें वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के "प्रयासों को जारी रखने" की प्रतिबद्धताएं भी शामिल थीं। नासा द्वारा प्रकाशित ताजा आंकड़ों के आधार पर, उस निम्न सीमा को प्राप्त करने को अनिवार्यता के रूप में देखा जाना चाहिए।

नए आंकड़ों से यह पुष्टि होती है कि अब तक के रिकार्ड के अनुसार 2015 सबसे गर्म वर्ष था, और यह पता चलता है कि इस वर्ष के पहले दो महीनों के दौरान विश्व भर में रिकार्ड तोड़ तापमानों का होना जारी रहा है। नासा के अनुसार, फरवरी में वैश्विक तापमान 1951-1980 की आधार रेखा के आधार पर औसत से 1.35 डिग्री सेल्सियस अधिक थे।

सौभाग्यवश, जीवाश्म ईंधनों की मजबूत स्थिति पहले ही कमजोर पड़ती दिखाई दे रही है। वास्तव में, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के अनुसार, वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और आर्थिक विकास पहले से ही अलग-थलग हो गए हैं, क्योंकि वैश्विक ऊर्जा से संबंधित कार्बन डाइऑक्साइड (मानव ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जनों का सबसे बड़ा स्रोत) लगातर दूसरे वर्ष उसी स्तर पर बनी हुई है। इसका अर्थ यह है कि जीवाश्म ईंधन अब हमारी अर्थव्यवस्था का जीवनाधार नहीं रह गए हैं।

ऐसा लगता है कि तेल के मूल्यों में लगातार हो रही गिरावटों - पिछले 18 महीनों में ये दो-तिहाई तक कम हो गए हैं - के फलस्वरूप इसके उपभोग में वृद्धि को प्रोत्साहन नहीं मिला है जिसकी बहुत से लोगों को आशंका थी। इसके फलस्वरूप हुआ तो यह है कि शेल, बीपी, और स्टैटऑयल जैसे जीवाश्म ईंधन के महरथियों के लाभों को भारी झटका लगा है।

कोयले की स्थिति में भी कोई अधिक सुधार नहीं हुआ है। पिछले वर्ष के अंत में नए कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों पर स्थगन की चीन की घोषणा के बाद दुनिया की सबसे बड़ी कोयला कंपनी पीबॉडी ने हाल ही में अमेरिका में दिवालियापन संरक्षण के लिए आवेदन किया क्योंकि वह अब अपने ऋण का भुगतान नहीं कर पा रही थी, इसका आंशिक रूप से कारण कोयले की मांग में गिरावट होना था।

Go beyond the headlines with PS - and save 30%
kamala-trump-1333x1000

Go beyond the headlines with PS - and save 30%

As the US presidential election nears, stay informed with Project Syndicate - your go-to source of expert insight and in-depth analysis of the issues, forces, and trends shaping the vote. Subscribe now and save 30% on a new Digital subscription.

Subscribe Now

इस बीच, नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों में रिकॉर्ड निवेश किया जा रहा है, ब्लूमबर्ग न्यू एनर्जी फिनान्स के अनुसंधान के अनुसार पिछले वर्ष लगभग $329.3 बिलियन का निवेश हुआ था। परिणामस्वरूप, नवीकरणीय ऊर्जा से पूरी तरह से संचालित, एक स्वच्छ, न्यायोचित, और अधिक टिकाऊ भविष्य, असली विकल्प बनने की ओर उन्मुख है।

फिर भी अभी बहुत लंबा रास्ता तय करना बाकी है। अधिकांश सरकारें अभी भी कमोबेश विनाशकारी जीवाश्म ईंधन से चिपकी हुई हैं, भले ही उनकी अस्थिर कीमतों और विनाशकारी पर्यावरणीय प्रभाव के कारण, इस निर्भरता से उनकी अर्थव्यवस्थाएं अस्थिर हो रही हैं।

अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से लेकर स्थानीय समुदायों और अलग-अलग नागरिकों तक जो भी जलवायु परिवर्तन के समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं, उन सबको चाहिए कि वे जीवाश्म ईंधनों से मुक्त होने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आवश्यक नीतियों और निवेशों के संबंध में कार्रवाई करने के लिए सरकारों और कंपनियों पर भारी दबाव बनाए रख कर पिछले वर्ष बने माहौल का तुरंत लाभ उठाएं। जिस तरह गर्म हो रहा यह ग्रह हम सभी को खतरे में डाल रहा है, कार्रवाई को शीघ्र तेज करने का लाभ सभी को मिलेगा। और यह सभी का कर्तव्य है कि वे नेताओं को उनके वादों और विज्ञान के प्रति जवाबदेह ठहराएं।

मुक्त करो जैसे वैश्विक आंदोलन इस संबंध में अनुकरणीय रहे हैं। दुनिया की सबसे खतरनाक जीवाश्म ईंधन परियोजनाओं - तुर्की और फिलीपींस में कोयला संयंत्रों से लेकर, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया में खानों, ब्राज़ील में हाइड्रोलिक फ्रेक्चरिंग, और नाइजीरिया में तेल कूपों - को रोकने के उद्देश्य से चलाए जा रहे अभियानों और व्यापक कार्रवाइयों का समर्थन करके मुक्त करो आंदोलन को जीवाश्म ईंधन उद्योग की शक्ति और प्रदूषण को समाप्त करने, और दुनिया को टिकाऊ भविष्य की ओर प्रेरित करने की उम्मीद है।

प्रस्तुत चुनौती की व्यापकता और तात्कालिकता को देखते हुए मुक्त करो आंदोलन नई और मौजूदा जीवाश्म ईंधन परियोजनाओं के खिलाफ अपने शांतिपूर्ण प्रतिरोध को तेज करने के लिए तैयार है। इसमें प्रमुख बात यह मांग करनेवाले समुदायों की शक्ति और बहादुरी होगी कि हम जीवाश्म ईंधन को जमीन में रखें और उसके बदले ऐसी स्वस्थ और अधिक न्यायोचित दुनिया का निर्माण करें, जिसमें हर किसी को टिकाऊ ऊर्जा तक पहुँच प्राप्त हो।

दुनिया हमारी ऊर्जा प्रणाली में एक ऐतिहासिक बदलाव लाने की ओर अग्रसर है। प्रगति में तेजी लाने के लिए, हमें उन लोगों का सामना करना चाहिए जो जलवायु परिवर्तन से मुनाफा कमा रहे हैं और आम लोगों के हितों की रक्षा करना चाहिए। जीवाश्म ईंधन परियोजनाओं के खिलाफ अगले महीने होने वाली लामबंदियां सही दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। अंततः जीवाश्म ईंधनों से मुक्त करो संघर्ष एक वैश्विक संघर्ष है। कोई भी इसे नजरअंदाज करना बर्दाश्त नहीं कर सकता।

https://prosyn.org/2BujLt9hi